शनिवार, 15 दिसंबर 2018

देश के किसान नेताओं का राजनैतिक एनकाउंटर

देश के किसान नेताओं का राजनीतिक एनकाउंटर

1. सरदार वल्लभ भाई पटेल - देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनने वाले थे परन्तु राहुल गांधी के दादा पंडित जवाहर लाल नेहरू की कुटिल चाल से प्रधानमंत्री पद से वंचित होना पड़ा, आखिर सरदार पटेल जी को उप प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री के पद तक ही रहे।

2. विजय सिंह पथिक - तत्कालीन राजस्थान सहित मध्यभारत कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय सिंह पथिक जी राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बनाए जाने वाले थे, विजय सिंह पथिक जी के नाम पर तत्कालीन सभी क्रांतिकारी नेता एकजुट थे, परन्तु राहुल गांधी के दादा पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने राजस्थान का प्रथम मुख्यमंत्री क्रांतिकारी विजय सिंह पथिक जी को नहीं बनने दिया।

3. चौधरी नारायण सिंह चौहान - उत्तरप्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे चौधरी नारायण सिंह जी चौहान को गांधी परिवार ने कभी आगे नहीं बढ़ने दिया। इन्हें भी उत्तरप्रदेश में उप मुख्यमंत्री के पद से ही संतोष करना पड़ा।

4. रामचंद्र विकल - उत्तरप्रदेश के प्रमुख कांग्रेस नेता रामचंद्र विकल को 1967 में उत्तरप्रदेश के विधायक दल की बैठक में नेता (मुख्यमंत्री) चुन लेने के बाद भी मुख्यमंत्री पद से वंचित रखा गया। रामचंद्र विकल जी को भी आखिर उत्तरप्रदेश में उप मुख्यमंत्री के पद से ही संतोष करना पड़ा।

5. चौधरी यशपाल सिंह - पश्चिमी उत्तरप्रदेश की राजनीति के प्रमुख क्षत्रप के रूप में पहचान रखने वाले चौधरी यशपाल सिंह जी ताउम्र कांग्रेस को मजबूत किया, अंतिम दिनों में भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ा और लास्ट समय मे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए। परन्तु इसी गांधी परिवार ने इनको आगे नहीं बढ़ने दिया, चौधरी साहब विधायक, सांसद, मंत्री अपने दम पर बनते रहे। इमरजेंसी के समय पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सीट जीत कर इन्होंने लाज बचाई थी, और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी खुद इनको बधाई देने सहारनपुर आई थी, परन्तु इसी गांधी परिवार ने इनको राजनीति में आगे नहीं बढ़ने दिया।

6. राजेश पायलट - दौसा के पूर्व सांसद राजेश पायलट जी राजस्थान में किसानों के लोकप्रिय जननेता थे। पायलट जी केंद्रीय राज्य मंत्री भी बने। कांग्रेस के मजबूत नेता थे पायलट जी। कांग्रेस में अध्यक्ष अधिकांश गांधी परिवार से ही बनते आए हैं। कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के सामने राजेश पायलट जी कांग्रेस अध्यक्ष हेतु नामांकन किया चुनाव लड़ा, और कुछ ही दिनों में समाचार आते है कि हवाईजहाज उड़ाने वाला पायलट सड़क दुर्घटना में मारा गया जो जांच का विषय है।

7. रामशरण दास - उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे समाजवादी नेता रामशरण दास विधायक एवं मंत्री बने। आजीवन रामशरण दास जी समाजवादी पार्टी के उत्तरप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष रहे सपा की यूपी में सत्ता भी आती रही और जाती रही, पर मुख्यमंत्री तो मुलायम सिंह यादव स्वंय और परिवार बनता रहा, रामशरण दास जी ताउम्र सपा की सेवा करते रहे।

8. कृष्णपाल गुर्जर - हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा बनकर रह गए। कृष्णपाल गुर्जर जी भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष थे तब। वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री है।

9. रामवीर सिंह बिधूड़ी - ऐसी ही कहानी वर्ष 2014 में दिल्ली में दोहराई गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार बनाने की कवायद शुरू हुई। भाजपा के 29 विधायक थे और उसे सरकार बनाने के लिए 67 सदस्यीय विधानसभा में पांच और विधायकों की जरूरत थी। श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी जी को मुख्यमंत्री बनाने की शर्त पर नौ गैर भाजपाई विधायक सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने को तैयार भी  थे। उन्होंने तीन महीने तक इन्तजार भी किया। भाजपा नेतृत्व ने बिधूड़ी जी को मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन दिया भी था लेकिन बाद में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री और बिधूड़ी जी को उपमुख्यमंत्री बनाने के विकल्प पर विचार करने लगा, लेकिन भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने को तैयार नौ के नौ विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी जी के अलावा किसी और को मुख्यमंत्री बनाये जाने के लिए तैयार नहीं हुए। आखिर में पार्टी ने चुनाव में जाने का फैसला किया।

10. लेफ्टिनेंट कर्नल सचिन पायलट - सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल सचिन पायलट दौसा और अजमेर से सांसद रह चुके है और डॉ मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। राजस्थान में साल 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई, पूरे राजस्थान में मात्र 21 सीटे जीती। कांग्रेस आलाकमान ने किसान नेता सचिन पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेशाध्यक्ष बनाकर राजस्थान के किसानों एवं युवाओं में नई जान फूंकी। सचिन पायलट जी ने पूरे 5 साल राजस्थान के गांव गांव ढाणी ढाणी जाकर कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का कार्य किया। कांग्रेस आलाकमान हमेशा कहते रहे कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इस दौरान राजस्थान में हुए सभी उप चुनावों में कांग्रेस ने सचिन पायलट के नेतृत्व में जीत हांसिल की। 2018 के विधानसभा के आम चुनाव कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट जी के नेतृत्व में लड़ा गया और कांग्रेस आलाकमान कहता रहा कि मुख्यमंत्री पायलट को ही बनाएंगे, आखिर राजस्थान में विधानसभा के चुनाव सम्पन्न हुए और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट जी के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव जीत गई। अब वही पण्डित जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी जी का पोता कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित राहुल गांधी जी, पोती प्रियंका वाड्रा गांधी, पण्डित जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी जी की पुत्रवधू सोनिया गांधी जी यानी कांग्रेस परिवार अर्थात कांग्रेस आलाकमान यानी कि तीन सदस्यीय परिवार राजस्थान में किसानों के नेता सचिन जी पायलट को मुख्यमंत्री बनाने से रोकने में लग गए। आखिर किसान नेता सचिन पायलट जी को भी राजस्थान में उप मुख्यमंत्री के पद से ही संतोष करना पड़ा।

नन्दलाल गुर्जर

भीलवाड़ा

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