बिजौलिया कॉलेज का नाम हर हाल में विजय सिंह पथिक किया जाए
मांडलगढ़। (25जुलाई2018)
मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के थलखुर्द गांव में आज गुर्जर समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता नन्दलाल गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बिजौलिया के राजकीय महाविद्यालय का नामकरण विजय सिंह पथिक राजकीय महाविद्यालय बिजौलिया किया जाए, अगर समय रहते हुए बिजौलिया कॉलेज का नाम विजय सिंह पथिक के नाम से नहीं किया गया तो गुर्जर समाज आंदोलन करने को मजबूर होगा। बिजोलिया की पहचान विजय सिंह पथिक जी के नाम से है। पथिक जी ने सर्वप्रथम किसानों का सफल आंदोलन का नेतृत्व किया जिसे इतिहास में बिजौलिया किसान आंदोलन के नाम से याद किया जाता है। विजय सिंह पथिक जी किसी जाति विशेष के नेता नहीं थे, वे शोषित, पीड़ित, मजदूर, किसान एवं जनता के लोकनेता थे। किसानों के मसीहा थे। किसान पथिक जी को अपना देवता मानते थे। मांडलगढ़ विधायक विवेक धाकड़ ने भी बिजोलिया कॉलेज का नाम विजय सिंह पथिक किए जाने का समर्थन करने पर गुर्जर समाज ने धन्यवाद ज्ञापित किया साथ ही भीलवाड़ा जिला प्रमुख शक्ति सिंह हाड़ा से मांग की कि बिजोलिया कॉलेज का नाम विजय सिंह पथिक के नाम से करवाने में समर्थन करें अन्यथा गुर्जर समाज चुनाव में एक बार फिर हार का रास्ता दिखाएंगा। बैठक में कोटड़ी चारभुजा गुर्जर समाज मन्दिर निर्माण कमेटी के अध्यक्ष हीरालाल गुर्जर, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के ब्लॉक अध्यक्ष भेरूलाल गुर्जर पूर्व सरपंच, लादूलाल गुर्जर सरपंच, पंचायत समिति सदस्य नारायणलाल गुर्जर, पंचायत समिति सदस्य शिवकुमार गुर्जर, पंचायत समिति सदस्य एवं पथिक सेना के जिला उपाध्यक्ष रतनलाल गुर्जर, लालचन्द गुर्जर लाडीजीकाखेड़ा, दिनेश गुर्जर पचानपूरा, युवा गुर्जर महासभा के ब्लॉक अध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर, देव सेना के ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल गुर्जर, महामंत्री छितरलाल गुर्जर, गुर्जर धर्मशाला त्रिवेणी के अध्यक्ष कन्हैयालाल गुर्जर, भाजयुमो मण्डल उपाध्यक्ष बरदीचन्द गुर्जर, घीसालाल गुर्जर, छात्रनेता सीताराम गुर्जर, कमलेश गुर्जर, सोराम गुर्जर, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के जिला मीडिया प्रभारी मुकेश गुर्जर, सामाजिक कार्यकर्ता नन्दलाल गुर्जर आदि ने एकमत होकर मांग की कि बिजौलिया कॉलेज का नाम विजय सिंह पथिक के नाम से किया जाए अगर नामकरण समय रहते नही किया गया तो गुर्जर समाज आंदोलन को मजबूर होगा।