डॉ प्रवीण तोगड़िया वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष है, वे पेशे से एक विख्यात कैंसर सर्जन है। उन्हें १९७९ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंस्वेकों का मुख्य मार्गदर्शक केवल २२ वर्ष की उम्र में चुना गया। उन्हें उनके उत्तेजक और गर्म बयानों के लिए जाना जाता है। हिंदुत्व की व्याख्या का ये उदहारण समेत सटीक विवरण देते है। ये सौराष्ट्र के पटेल गुर्जर है, किसान के बेटे है। बचपन में एक बार उन्हें सोमनाथ मंदिर में जाने का अवसर प्राप्त हुआ (सोमनाथ के पुनरुद्धार से पहले), जब उन्होंने सोमनाथ के ध्वस्त अवशेष देखे तो उनके जीवन की दिशा ही बदल गयी और वे हिन्दुतत्व के पुनरुद्दार में लग गए। ये युवा अवस्था में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। रामेश्वर पालीवाल, एक आरएसएस प्रचारक संघ के मार्गदर्शन मे युवा तोगड़िया ने स्वयं सेवक के रूप में अपना जीवन शुरू किया। समस्त विश्व के हिन्दुत्व के कार्यकर्मो में व्यस्त रहने के बावजूद भी ये महीने में एक सप्ताह रोगियों की जाँच के लिए देते है। तोगडिया के मुताबिक हिन्दू मजबूत और सैन्य स्थिति में होने के बावजूद सभी धर्मो को सामान दृष्टि से देखता है।
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