रविवार, 3 मई 2020

गुर्जर वंश का गौरवशाली इतिहास लिख रहे डॉ राकेश कुमार आर्य

गुर्जर वंश का गौरवशाली इतिहास लिख रहे 50 पुस्तकों के लेखक इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य का संक्षिप्त परिचय

चार दर्जन पुस्तकों के लेखक डॉ राकेश कुमार आर्य का जन्म 17 जुलाई 1967 को ग्राम महावड़ जनपद गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश में एक आर्य समाजी गुर्जर परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम श्री राजेंद्रसिंह आर्य और माता का नाम श्रीमती सत्यवती आर्या है । विधि व्यवसायी होने के साथ-साथ श्री आर्य एक प्रखर वक्ता भी हैं । डॉक्टर आर्य के ज्येष्ठ भ्राताश्री प्रोफेसर विजेंद्र सिंह आर्य एक अच्छे वक्ता और लेखक हैं , जबकि उनके दूसरे ज्येष्ठ भ्राताश्री मेजर वीर सिंह आर्य सेना में रहकर देश की उत्कृष्ट सेवाएं कर इस समय सेवानिवृत्त हो चुके हैं । जबकि तीसरे ज्येष्ठ भ्राता श्री देवेंद्र सिंह आर्य वरिष्ठ अधिवक्ता हैं । जो कि बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अनुशासन समिति के सदस्य भी रह चुके हैं , साथ में ही पश्चिम उत्तर प्रदेश विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और 'उगता भारत' समाचार पत्र के चेयरमैन भी हैं ।
डॉ आर्य की एक बहिन हैं । जिनका नाम श्रीमती सुमन आर्य बंसल हैं और एक अच्छी समाज सेविका हैं ।
डॉ आर्य ने बी ए , एलएलबी तक की शिक्षा प्राप्त की है । डॉ आर्य का विवाह 17 जून 1991 को श्रीमती ऋचा आर्या के साथ हुआ । उनकी तीन बेटियां श्रुति श्वेता , श्रेया और एक बेटा अमन आर्य है।
डॉ आर्य की पहली पुस्तक " भारतीय छात्र धर्म और अहिंसा" व " भारतीय संस्कृति में साम्यवाद के मूल तत्व " 1999 में प्रकाशित हुई ,थीं । तब से उन्होंने भारतीय धर्म संस्कृति और इतिहास के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक शोध ग्रंथ देकर राष्ट्र की अमूल्य सेवा की है । अभी तक उनकी 50 पुस्तकें छप चुकी हैं ।
डॉ आर्य विधि व्यवसायी हैं और 17 जुलाई 2010 से राष्ट्रवादी समाचार पत्र " उगता भारत " का सफल संपादन कर रहे हैं । यह पत्र देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचता है और देश की युवा पीढ़ी का होश मार्गदर्शन करता है ।
डॉक्टर आर्य की प्रतिभा को देखते हुए ही उन्हें अखिल भारत हिंदू महासभा का वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रेस महासंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया । इसके साथ-साथ श्री आर्य राष्ट्रवादी संगठनों और लोगों की ओर से तैयार किए गए " राष्ट्रीय इतिहास पुनर्लेखन समिति " के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं ।
श्री आर्य को उत्कृष्ट लेखन के लिए राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह द्वारा विशेष रूप से 22 जुलाई 2015 को राजभवन राजस्थान में सम्मानित किया गया । इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से 12 मार्च 2019 को केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा उनकी शोध कृति " भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास " को वर्ष 2017 के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । इसके अतिरिक्त अन्य अनेकों सामाजिक संगठनों के द्वारा भी श्री आर्य को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है ।
इतिहास संबंधी शोधपूर्ण कार्य पर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय आर्य विद्यापीठ के अध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ ) श्यामसिंह शशि और संस्कृत में प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डॉक्टर सत्यव्रत शास्त्री , प्रभृति प्रख्यात विद्वानों के द्वारा डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि विगत 17 जुलाई 2019 को उनके 53 वें जन्म दिवस के अवसर पर दिल्ली में होटल अमलतास इंटरनेशनल में प्रदान की गई।
अभी तक लगभग चार दर्जन से अधिक पुस्तकों का लेखन कर चुके डॉ आर्य को शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर से इतिहास के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट लेखन के लिए भी भारत के शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा सम्मानित किया जा रहा है ।
श्री आर्य को उनके उत्कृष्ट लेखन कार्य के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों व सामाजिक संस्थाओं से भी सम्मानित किया गया है । मेरठ के चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों में उनके लेक्चर विजिटर प्रोफेसर के रूप में आयोजित किए गए हैं ।
वर्तमान में डॉ आर्य 'गुर्जर वंश का गौरवशाली इतिहास' लिख रहे हैं । जिसमें वह इतिहास के अनछुए पहलुओं और तथ्यों को प्रकट करने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। डॉक्टर आर्य का कहना है कि उन्हें इतिहास संबंधी प्रतिभा अपने पिताश्री महाशय राजेंद्र सिंह आर्य जी से विरासत में मिली जो स्वयं इतिहास के मर्मज्ञ विद्वान थे । जबकि माताश्री श्रीमती सत्यवती आर्या आर्य समाज की विचारधारा से प्रेरित धर्मशील महिला थीं । जिन्होंने सदा उन्हें पिता के दिये विचारों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।

निवास : सी ई 121 , अंसल गोल्फ लिंक , तिलपता चौक , ग्रेटर नोएडा, जनपद गौतमबुध नगर , उत्तर प्रदेश ।
चलभाष 9911169917

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