गुर्जर आरक्षण आन्दोलन सामाजिक न्याय की लड़ाई है ,जिसे हमारा पूरा समर्थन -मेघवंशी
जयपुर|
" यह सर्वविदित है कि राजस्थान का गुर्जर समुदाय शैक्षणिक ,सामाजिक ,आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से एक पिछड़ा हुआ समूह है ,जिसे सदियों से वंचना का शिकार होना पड़ा है.उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिये विशेष पिछड़े वर्ग के आरक्षण का लाभ दिया जाना बेहद जरूरी है "
उपरोक्त बात आज गुर्जर आरक्षण आन्दोलन का समर्थन करते हुये दलित बहुजन चिन्तक भंवर मेघवंशी ने कही है.मेघवंशी ने कहा है कि गुर्जरों के आरक्षण का आन्दोलन सिर्फ रोजगार या नौकरियों की मांग नहीं है ,यह सामाजिक न्याय की मांग का आन्दोलन है,जिसको हमारा पूरा समर्थन है.
मेघवंशी ने राजस्थान के गुर्जर समाज की मांग को जायज करार देते हुये कहा कि तुरंत कानूनन गुर्जर ,बंजारा ,देवासी तथा गाड़िया लौहार समुदाय के विशेष पिछड़े वर्ग के आरक्षण पुन: बहाल किया
किया जाये तथा उसे संविधान की 9 वीं अनुसूचि में शामिल करवा कर संवैधानिक स्वरूप दे दिया जाये.जब तक उन्हें एसबीसी का दर्जा बहाल नहीं होता है ओबीसी का लाभ दिया जाये.साथ ही देवनारायण योजना सहित अन्य लाभ यथावत रखे जायें.
दलित ,आदिवासी और घुमन्तू तबकों के लिये लम्बे समय से कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता मेघवंशी ने कहा है कि सामाजिक न्याय के इस संघर्ष में गुर्जर समुदाय के 72 लोगो ने अपनी जानें गंवाई है. सैकड़ों लोग मुकदमें अभी तक झेल रहे है.हजारों लोग जेलों में सड़े है ,उन्हें अपने संघर्ष का प्रतिफल मिलना ही चाहिये.
बहुजन चिन्तक भंवर मेघवंशी ने गुर्जर आरक्षण आन्दोलन के नेतृत्वकर्ताओं से यह अपील की है कि वे शांतिपूर्ण और अहिंसक आन्दोलन की मिसाल पेश करें ताकि देश की सम्पत्ति को नुकसान नहीं हो तथा आम नागरिकों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़े
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