रोमा समुदाय यूरोप का एक बहुत बडा जातीय समुदाय है जो यूरोप के लगभग सभी देशो में बसते हैं।
लगभग एक हजार साल पहले, भारत के कई घुमन्तु कबीले मध्यएशिया में घुमक्कडी करते हुए तितर बितर
होते हुए यूरोप में सदियो तक भटकते रहे व जहाँ तहाँ बस गये।
यूरोप में उन्हें जिप्सी,रोमा कहा जाता है ।
वहाँ के अधिकांश देशो में ये कई कई प्रतिशत हैं व अब आधुनिक जनजीवन में भी रम रहे हैं ।
तुर्की में भी इनकी बडी आबादी है। ये अपने आपको भरत मानते हैं व भारत को राम । यानी राम भरत का रिश्ता।
इन रोमा समुदाय में, एक हिस्सा गुर्जर समुदाय का है।
बडगूजर गोत्र खासकर पाया जाता है। इनके पास अपनी भाषा, रहन सहन व खान पान सब है।
सदियो तक इस समुदाय की घोर उपेक्षा व शोषण होता रहा। हिटलर के नाजियो ने जितना यहूदियो को पीडित किया उतना ही रोमाओ को। लाखो की संख्या में रोमाओ का कत्ल हुआ। हर देश में इनके साथ ज्यादती व अत्याचारो का लंबा इतिहास है। इन सबके बावजूद इन्होंने खुद को मिटने से बचाया।
आज ये भी आधुनिकता के साथ कदमताल कर रहे हैं।
पढलिखकर विश्व पटल पर अपनी एक नयी पहचान गढ रहे हैं ।
कुल मिलाकर करोडो की आबादी वाला यह समुदाय खुद को इक्कीसवी सदी में एक नया संस्करण दे रहा है।
रविवार, 30 जुलाई 2017
कौन है यूरोप का रोमा समुदाय...
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें