रविवार, 30 जुलाई 2017

सूफी संत मियां मौहम्मद बख्श पोसवाल गुज्जर


रूमी ए कश्मीर कहे जाने वाले महान सूफी संत व पंजाबी हिन्दको के शायर मियाँ मौहम्मद बख्श पोसवाल का जन्म कश्मीर के मीरपुर के एक गांव में गुज्जरो के पोसवाल गोत्र में हुआ। अब ये गांव व मीरपुर पाक अधिकृत कश्मीर यानी गुलाम कश्मीर में है।

मियाँ मौहम्मद बख्श पोसवाल की ख्याति एक सूफी संत के अलावा शायरी में उनकी किताब सैफुल  मलूक यानी इश्क का सफर के लिये है। ये किताब पंजाबी  सिलेबस का हिस्सा है।

मियाँ बख्श पोसवाल , पीर ए शाह गाजी कलन्दर दमरियाँ वली सरकार के चौथी पीढी के वंशज थे , पीर ए शाह  गांव खारी शरीफ में दफनाये गये थे।  पीर ए शाह गाज़ी  के खलीफ़ा  ख्वाजा दीन मौहम्मद थे व उनके खलीफ़ा ख्वाजा मियाँ शम्सुद्दीन थे जिनके तीन  पुत्र थे, मियाँ बहावल बख्श पोसवाल, मियाँ मौहम्मद बख्श पोसवाल,मियाँ अली बख्श पोसवाल ।

मियाँ मौहम्मद बख्श ने खुद अपनी कालजयी कृति सैफुल मलूक में लिखा है कि उन्होने यह संकलन 1863 ई० में रमजान के महीने में पूरा किया व इस समय उनकी आयु तैंतीस साल है, इस आधार पर उनका जन्म 1829 या 1830 ई० में हुआ होगा।

उनका पालन पोषण एक धार्मिक माहौल में हुआ व प्रारंभिक तालीम भी घर पर हुई ।

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